Sawan Ka Mahina Bhagwan Shiv ko Kyun Hai ati Priya सावन का महीना भगवान शिव को क्यों है अति प्रिय।

Sawan Ka Mahina Bhagwan Shiv ko ati Priya है। इस माह में जो भी जातक Bhagwan Shiv Ki Puja बड़ी श्रद्धा भाव से करते हैं, उनकी सभी Manokamna पूर्ण होती हैं।

Katha anusar, Sawan Ka Mahina Bhagwan Shiv ko Kyun Hai ati Priya
Bhagwan Shiv

Bhagwan Shiv को प्रसन्न करना कठिन नहीं है, Devon Ke Dev Mahadev अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। जो भी भक्त भगवान शिव की प्रेम भाव से और निस्वार्थ उनकी पूजा करता है, प्रार्थना करता है। उनके बिगड़े कार्य को भगवान शिव बना देते हैं।

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हर अनहोनी को टाल देते हैं, इक्षित वरदान देते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा अवसर Sawan Ka Mahina है। सावन मास में Sawan somvar को जो भी Bhagwan Shiv का पूजन करता है, उनसे भगवान अति प्रसन्न होते हैं।



Bhagwan Shiv ko Kyun Priya hai Sawan Ka Mahina.
पौराणिक कथाओं के अनुसार (संक्षिप्त कथाएं)


  • कथा अनुसार
Bhagwan Shiv को प्रसन्न करने और उन्हें पति के रुप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती जी ने सावन के महीने में कठोर तप किया था। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी स्वीकार किया था। इसलिए भगवान शिव को सावन माह अतिप्रिय है।

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  • कथा अनुसार
Bhagwan Shiv माता पार्वती जी के साथ सावन माह में पृथ्वी पर विचरण करते हैं। और भक्तों के सारे कष्टों को हर लेते हैं। कहते हैं भगवान शिव इस माह में माता पार्वती के साथ हिमालय राज के घर आते हैं। उनके आदर सत्कार के लिए उनका जल अभिषेक किया जाता है, उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।



  • कथा अनुसार
Sawan mahine में ही समुद्र मंथन हुआ था, जिससे निकलने वाले हलाहल विष को सभी देवताओं के आग्रह पर भगवान शिव ने ग्रहण किया था। इस प्रकार भगवान शिव ने सारी सृष्टि को उस हलाहल विष के प्रभाव से बचाया था कहते हैं। इसी कारण भगवान शिव पर जल अभिषेक किया जाता है।
  • कथा अनुसार
भगवान विष्णु सावन माह में योग निद्रा में चले जाते हैं और सारी सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव के अधीन हो जाता है। भक्त, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं।

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  • कथा अनुसार
इसी समय Marakandu ऋषि के पुत्र के द्वारा सावन के महीने में घोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर उनको यम पर विजय प्राप्त करने का मंत्र दिया था। मार्कंडेय ऋषि को ऐसे अद्भुत मंत्रों की शक्ति भगवान शिव के द्वारा प्रदान की गई थी जिसके सामने स्वयं यमराज नतमस्तक हो गए थे।
  • कथा अनुसार
Sawan Ka Mahina शिवजी को अति प्रिय है, इनकी कई कथाएं हमने आपको बताई जिसमें से एक कथा यह भी है कि भगवान शिव का शरीर अत्यंत गर्म है, जिसके कारण उनको सावन का महीना अति प्रिय होता है। इस माह में अधिक वर्षा होती है साथ में प्रकृति शीतल और ठंडी हो जाती है, जिससे भगवान शिव को यह महीना बड़ा प्रिय लगता है।

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Bhagwan Shiv के द्वारा हलाहल विष का पीना भी उनके शरीर की गर्मी को अत्यंत तीव्र करता है। जिस की शांति के लिए उन पर जलाभिषेक किया जाता है। और श्रावण मास में अधिक वर्षा होती है, जिसके कारण भगवान शिव को यह माह बड़ा प्रिय लगता है।

Sawan Ka Mahina भक्तों के द्वारा Bhagwan Shiv को प्रसन्न करने का यह अद्भुत समय होता है। जो भी भक्त भगवान शिव की बड़ी श्रद्धा भाव से उपवास करता है, उनकी पूजा करता है, उन पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। और उन पर आने वाली हर समस्याओं का निदान करते हैं, उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

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