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Karma Our Bhagya In Dono Mein Kaun Shresth Hai is Baat ki Duvidha Ko Dur Karti Hai Bhagavad Gita | कर्म और भाग्य इन दोनों में कौन श्रेष्ठ है इस बात के दुविधा को दूर करती है भगवत गीता|

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Karma Our Bhagya In Dono mein kaun shresth hai is baat ki duvidha Ko dur Karti Hai Bhagavad Gita  Karma Our Bhagya In Dono  के ही अपने-अपने मतलब हैं। इस संसार में ऐसा कोई भी नहीं जो  Karma  किए बिना रह सके। वह चाहे अथवा ना चाहे, उसे कर्म तो करना ही पड़ता है। Karma  से  Bhagya  उत्पन्न होता है,  Bhagya  कर्म उत्पन्न नहीं करता। (Who is the best in karma and destiny(luck)? There is an explanation of karma in the Bhagavad Gita.) MahaBharat इस संसार में जीवन जीने के लिए, जीवन को समझने के लिए कई बातों का होना आवश्यक है। यह समझना आवश्यक है कि जीवन में सफलता-असफलता, दुख और सुख, ज्ञान, अज्ञान, जीवन-मृत्यु ये सभी जीवन के जरूरी पहलू हैं। सभी तरह की बातों का मिश्रण है जीवन। जीवन में कई तरह की परेशानियों के साथ, सुखों का भी अनुभव होता है, यही तो जीवन है। Bhagya  के भरोसे बैठने वाले व्यक्ति को जीवन में केवल कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि जो व्यक्ति भाग्य के भरोसे बैठे होते हैं। वह कर्म से विमुख हो जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों का जीवन बड़ी कठिनाइयों में व्यतीत होता है। Click h