Shiv Ji Ki Maha Aarti Evam Kyon Karte Hai Aarti शिव जी की महाआरती एवं आरती क्यों की जाती है
Shiv Ji Ki Maha Aarti Evam Kyon Karte Hai Aarti शिव जी की महाआरती एवं आरती क्यों की जाती है
Shiv Ji की पूजा, हवन, अभिषेक आदि करने के बाद हम शिव जी की महाआरती करते हैं। जब तक की पूजा में आरती ना की जाए, पूजा पूरी नहीं मानी जाती इसलिए पूजा करने के बाद हमेशा आरती करने का विधान है।Bhagwan Shiv Ki Puja Mein Rakhe in Baaton Ka Dhyan Kya Kare Kya Na Kare Jane भगवान शिव की पूजा मैं इन बातों का रखें ध्यान। क्या करें क्या ना करें।
Shiv Ji की महाआरती Shiv ji ki Maha Aarti
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥.......जय शिव ओंकारा..
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥........... जय शिव ओंकारा..
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥.......जय शिव ओंकारा..
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥..........जय शिव ओंकारा...
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥.......जय शिव ओंकारा...
कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥...........जय शिव ओंकारा..
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका॥...........जय शिव ओंकारा..
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे।।.........जय शिव ओंकारा...
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥..........जय शिव ओंकारा..
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