History Of Holi: In Katha ke karan Holi manai Jati Hai.होली का इतिहास: इन कथाओं के कारण होली मनाई जाती है.
In Katha ke karan Holi manai Jati Hai.अलग-अलग मान्यताओं और Katha के अनुसार होली मनाई जाती है। होली मनाने का तरीका मिलता-जुलता है, "History Of Holi" पर इनकी Katha कुछ अलग है। इन्हीं जानकारियों के साथ "indiaskk Hindi me" आपके साथ इन कथाओं को साझा कर रहा है।
आइए जानते हैं, इन कथाओं को जिनके कारण हम सब होली मनाते हैं। होली जैसा अद्भुत त्यौहार हमको इन्हें कथाओं के कारण मिला, जिसको हम सब मिलकर मनाते हैं।
"History Of Holi: In Katha ke karan Holi manai Jati Hai.होली का इतिहास: इन कथाओं के कारण होली मनाई जाती है."
1."History Of Holi" सबसे ज्यादा मशहूर है भक्त पहलाद और हिरणाकश्यप की कथा - भक्त पहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त थे। जो भगवान विष्णु की भक्ति करता थे, पर उनके पिता राजा हिरणाकश्यप को यह पसंद नहीं था हिरणाकश्यप ने बहुत कोशिश की कि पहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से विमुक्त कर दिया जाए। उसके लिए उन्होंने भक्त पहलाद को पहाड़ियों से नीचे फेंकने की कोशिश की। पर इसमें वह असफल हुआ। भगवान विष्णु ने भक्त पहलाद को बचा लिया। हिरणाकश्यप के विफल होने से वह बहुत परेशान था। उसने अपनी बहन होलिका से कहा तुमको तो वरदान है तुम अग्नि से नहीं जल सकती। तुम पहलाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में बैठ जाओ। प्रहलाद जल जाएगा और तुम बच जाओगे पर ऐसा नहीं हुआ। होलिका अग्नि में भस्म हो गई और पहलाद जीवित रहे। भगवान विष्णु की विशेष कृपा भक्त पहलाद पर थी। इसी खुशी में होली का उत्सव मनाया जाता है।
2. "History Of Holi" भगवान कृष्ण के द्वारा पूतना का वध - राजा कंस के द्वारा भगवान कृष्ण को मारने के लिए पूतना नामक राक्षसी को भेजा गया। वह मायावी राक्षस थी जो कोई भी रूप धारण कर सकती थी। जिसने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण करके भगवान कृष्ण को मारना चाहा। पर ऐसा नहीं हुआ भगवान कृष्ण ने उस राक्षसी का वध कर दिया। जिसकी खुशी में सभी ने मिलकर रंगों का उत्सव मनाया।
3."History Of Holi" भगवान शिव और पार्वती जी की कथा - माता पार्वती जी ने भगवान शिव से विवाह करने के लिए तपस्या की जब भगवान शिव अपने ध्यान से नहीं उठ रहे थे। तब कामदेव ने उनकी ध्यान निद्रा से जागृत करने के लिए उन पर पुष्पबाण चलाया। जिससे भगवान शिव क्रोधित होकर कामदेव को भस्म कर दिया और भगवान शिव ध्यान निद्रा से उठ गए। इसके पश्चात उनका विवाह माता पार्वती जी से हुआ। जिसकी खुशी में शिवगढ़ और शिवभक्त यह उत्सव मनाते हैं। कुछ लोगों का यह मानना है कि इस दिन व्यक्ति शिवगणों का रूप धारण करके भगवान शिव की बारात का दृश्य बनाते हैं और उत्सव मनाते हैं।
4. "History Of Holi"कामदेव का पुनर्जन्म की कथा - कहा जाता है कि इस दिन कामदेव का पुनर्जन्म हुआ था। जिससे उत्साहित खुश होकर सभी लोग यह उत्सव मनाते हैं। भगवान शिव के द्वारा जब कामदेव को भस्म कर दिया गया। तव उनकी पत्नी रति ने विलाप करते हुए भगवान शिव से कामदेव को जीवित करने के लिए प्रार्थना,अर्चना की। जिससे भगवान शिव ने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। इससे खुश होकर सभी लोग यह उत्सव मनाते हैं।
5."History Of Holi" कृष्ण रासलीला - भगवान कृष्ण श्री राधा रानी और गोपियों के संग रास लीला रची थी। प्रेम और पवित्रता की यह रासलीला से सारा गोकुलधाम उत्साहित और प्रेम मगन हो गया था जिसकी खुशी में रंग उत्सव मनाया जाता है। बृज की होली सारी दुनिया में प्रसिद्ध है।
6."History Of Holi" राक्षसी ढूंढी - राजा पृथु के समय एक ढूंढी नामक राक्षसी जो छोटे बच्चों को खा जाती थी। अनेक प्रकार के प्रयास करने के बाद भी वह राक्षसी को मारने में सक्षम नहीं हो पाए। तभी एक मुनि ने आकर उनसे कहा कि अगर आप बालकों को इकट्ठा करके उस राक्षसी को मारते हैं तो राक्षसी मर जाएगी। और ऐसा ही हुआ वह राक्षसी मर गई। जिससे पूरे राज्य में उत्सव मनाया गया, रंग उत्सव मनाया गया।
बसंत आगमन - यह त्यौहार वसंत ऋतु के आगमन का त्यौहार है। इस दिन से वसंत ऋतु का प्रारंभ होता है। जिसकी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है। और भी अन्य कथाएं हैं जिनके कारण होली उत्सव मनाया जाता है। होली उत्सव बहुत ही प्राचीन है, कई पुराणों और कई लेखों में इसका वर्णन मिल जाएगा।
होली का त्योहार भाईचारे का त्यौहार है, दुश्मनी को त्यागकर की दोस्त बनने का त्यौहार है, हर गमों को भूल जाने का त्यौहार है, जीवन में नए उत्सव और उत्साह का त्यौहार है, सभी परेशानियों को भूल जाने का त्यौहार है, यह त्यौहार एकता और प्रेम का त्यौहार है, यह त्यौहार किसी एक धर्म का नहीं अपितु सभी को मिलाने का त्यौहार है। आप सभी को होली की बहुत सारी शुभकामनाएं। हम आशा करते हैं कि आपके जीवन में खुशियां, आनंद और उत्सव हो।
"इंडियाSkk परिवार की ओर से आप सभी को होली की बहुत सारी शुभकामनाएं"
History Of Holi |
आइए जानते हैं, इन कथाओं को जिनके कारण हम सब होली मनाते हैं। होली जैसा अद्भुत त्यौहार हमको इन्हें कथाओं के कारण मिला, जिसको हम सब मिलकर मनाते हैं।
"History Of Holi: In Katha ke karan Holi manai Jati Hai.होली का इतिहास: इन कथाओं के कारण होली मनाई जाती है."
1."History Of Holi" सबसे ज्यादा मशहूर है भक्त पहलाद और हिरणाकश्यप की कथा - भक्त पहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त थे। जो भगवान विष्णु की भक्ति करता थे, पर उनके पिता राजा हिरणाकश्यप को यह पसंद नहीं था हिरणाकश्यप ने बहुत कोशिश की कि पहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से विमुक्त कर दिया जाए। उसके लिए उन्होंने भक्त पहलाद को पहाड़ियों से नीचे फेंकने की कोशिश की। पर इसमें वह असफल हुआ। भगवान विष्णु ने भक्त पहलाद को बचा लिया। हिरणाकश्यप के विफल होने से वह बहुत परेशान था। उसने अपनी बहन होलिका से कहा तुमको तो वरदान है तुम अग्नि से नहीं जल सकती। तुम पहलाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में बैठ जाओ। प्रहलाद जल जाएगा और तुम बच जाओगे पर ऐसा नहीं हुआ। होलिका अग्नि में भस्म हो गई और पहलाद जीवित रहे। भगवान विष्णु की विशेष कृपा भक्त पहलाद पर थी। इसी खुशी में होली का उत्सव मनाया जाता है।
Sri Vishnu |
2. "History Of Holi" भगवान कृष्ण के द्वारा पूतना का वध - राजा कंस के द्वारा भगवान कृष्ण को मारने के लिए पूतना नामक राक्षसी को भेजा गया। वह मायावी राक्षस थी जो कोई भी रूप धारण कर सकती थी। जिसने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण करके भगवान कृष्ण को मारना चाहा। पर ऐसा नहीं हुआ भगवान कृष्ण ने उस राक्षसी का वध कर दिया। जिसकी खुशी में सभी ने मिलकर रंगों का उत्सव मनाया।
Radhe Krishna |
3."History Of Holi" भगवान शिव और पार्वती जी की कथा - माता पार्वती जी ने भगवान शिव से विवाह करने के लिए तपस्या की जब भगवान शिव अपने ध्यान से नहीं उठ रहे थे। तब कामदेव ने उनकी ध्यान निद्रा से जागृत करने के लिए उन पर पुष्पबाण चलाया। जिससे भगवान शिव क्रोधित होकर कामदेव को भस्म कर दिया और भगवान शिव ध्यान निद्रा से उठ गए। इसके पश्चात उनका विवाह माता पार्वती जी से हुआ। जिसकी खुशी में शिवगढ़ और शिवभक्त यह उत्सव मनाते हैं। कुछ लोगों का यह मानना है कि इस दिन व्यक्ति शिवगणों का रूप धारण करके भगवान शिव की बारात का दृश्य बनाते हैं और उत्सव मनाते हैं।
4. "History Of Holi"कामदेव का पुनर्जन्म की कथा - कहा जाता है कि इस दिन कामदेव का पुनर्जन्म हुआ था। जिससे उत्साहित खुश होकर सभी लोग यह उत्सव मनाते हैं। भगवान शिव के द्वारा जब कामदेव को भस्म कर दिया गया। तव उनकी पत्नी रति ने विलाप करते हुए भगवान शिव से कामदेव को जीवित करने के लिए प्रार्थना,अर्चना की। जिससे भगवान शिव ने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। इससे खुश होकर सभी लोग यह उत्सव मनाते हैं।
5."History Of Holi" कृष्ण रासलीला - भगवान कृष्ण श्री राधा रानी और गोपियों के संग रास लीला रची थी। प्रेम और पवित्रता की यह रासलीला से सारा गोकुलधाम उत्साहित और प्रेम मगन हो गया था जिसकी खुशी में रंग उत्सव मनाया जाता है। बृज की होली सारी दुनिया में प्रसिद्ध है।
Radhe Krishna |
6."History Of Holi" राक्षसी ढूंढी - राजा पृथु के समय एक ढूंढी नामक राक्षसी जो छोटे बच्चों को खा जाती थी। अनेक प्रकार के प्रयास करने के बाद भी वह राक्षसी को मारने में सक्षम नहीं हो पाए। तभी एक मुनि ने आकर उनसे कहा कि अगर आप बालकों को इकट्ठा करके उस राक्षसी को मारते हैं तो राक्षसी मर जाएगी। और ऐसा ही हुआ वह राक्षसी मर गई। जिससे पूरे राज्य में उत्सव मनाया गया, रंग उत्सव मनाया गया।
बसंत आगमन - यह त्यौहार वसंत ऋतु के आगमन का त्यौहार है। इस दिन से वसंत ऋतु का प्रारंभ होता है। जिसकी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है। और भी अन्य कथाएं हैं जिनके कारण होली उत्सव मनाया जाता है। होली उत्सव बहुत ही प्राचीन है, कई पुराणों और कई लेखों में इसका वर्णन मिल जाएगा।
Palash Ke Phool |
होली का त्योहार भाईचारे का त्यौहार है, दुश्मनी को त्यागकर की दोस्त बनने का त्यौहार है, हर गमों को भूल जाने का त्यौहार है, जीवन में नए उत्सव और उत्साह का त्यौहार है, सभी परेशानियों को भूल जाने का त्यौहार है, यह त्यौहार एकता और प्रेम का त्यौहार है, यह त्यौहार किसी एक धर्म का नहीं अपितु सभी को मिलाने का त्यौहार है। आप सभी को होली की बहुत सारी शुभकामनाएं। हम आशा करते हैं कि आपके जीवन में खुशियां, आनंद और उत्सव हो।
"इंडियाSkk परिवार की ओर से आप सभी को होली की बहुत सारी शुभकामनाएं"
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