Makar Sankranti special from today is Sun Uttaran. मकर संक्रांति विशेष आज से सूर्य उत्तरायण हो जाता है
Makar Sankranthi special आपके लिए indiaskk.com कुछ जानकारी लेकर आए हैं। Makar Sankranti के त्यौहार को अन्य त्यौहारो की तरह बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सभी तीर्थ स्थानों में लोगों का आनाजाना लगा रहता है। मकर संक्रांति हर वर्ष 14 जनवरी को मनाई जाती है।
Makar Sankranthi special आज से सूर्य उत्तरायण हो जाता है
ज्योतिष अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति होती है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने के कारण इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति का पर्व सूर्य की गति के अनुसार होता है।
सूर्य का धनु से निकलकर मकर में आने के कारण इसे Makar Sankranthi कहा जाता है। इस दिन स्नान करने के बाद दान, पुण्य का बहुत ही महत्व होता है। इस दिन से खरमास की समाप्ति हो जाती है, और शुभ कार्य शुरु हो जाते है।
उदया तिथि 15 को होने से अधिकतर लोग 15 तारीख को संक्रान्ति मनायेंगे। उदया तिथि का अर्थ वह तिथि होता है, जिसमें सूर्य का उदय होता है। मकर संक्रान्ति के दिन से ही सूर्य उत्तरायण हो जाते है। मकर संक्रान्ति, सूर्य के गृह परिवर्तन का दिन है।
इस दिन से ही खरमास का अंत होता है। ज्योतिष की दृष्टि से खरमास को अशुभ माना जाता है। खरमास के खत्म होते ही शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते है।
Makar Sankranthi special शुभ मुहूर्त एवं सूर्य उत्तरायण, उदया तिथि
रविवार, 14 जनवरी, 2018 मकर संक्राति
उदया तिथि सोमवार, 15 जनवरी,
मकर संक्रांति रात 2 बजे से शुरु होगी।
पुण्य काल का शुभ मुहूर्त रात 2 बजे से शुरु होकर सुबह 5 बजकर 41 मिनट
महापुण्य काल रात 2 बजे से लेकर रात 2 बजकर 24 मिनट
इस शुभ मुहूर्त की अवधि 23 मिनट तक रहेगी।
Makar Sankranthi के त्योहार को पोंगल के नाम से भी मनाया जाता है। एवं यह त्यौहार किसानों के लिए बेहद खास होता है, वे इसे बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हैं।
Makar Sankranthi के दिन से ही सभी शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं, एवं तीर्थ स्थानों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। मकर संक्रांति के दिन दान पुण्य का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
खगोल शास्त्रियों के मुताबिक इस दिन से ही दिन और रातों में परिवर्तन हो जाता है, रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य पृथ्वी के नजदीक आने लगता है, जिसके कारण दिन बड़े और रातें छोटी होना प्रारंभ हो जाती है। और इसके साथ ही मौसम में परिवर्तन भी देखने को मिलते हैं।
देश में गंगा, जमुना, यमुना सभी तीर्थ स्थानों पर लोग स्नान करने के लिए जाते हैं, और दानपुण्य जैसे कार्य करते हैं। लेकिन इसके साथ ही यदि इन पवित्र नदियों को स्वच्छ रखा जाए तो यह बेहद ही पुण्य का काम होगा।
इससे हमारे आने वाले जनरेशन के लिए भी यह अच्छा होगा। इसके साथ ही हम स्वच्छ भारत के अभियान को भी पूरा करने में सहयोग प्रदान करेंगे। Makar Sankranthi के दिन लोग रंग बिरंगी पतंगे उड़ाते हैं, और इस त्यौहार की रौनक देखते ही बनती है।
Makar Sankranthi special आज से सूर्य उत्तरायण हो जाता है
ज्योतिष अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति होती है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने के कारण इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति का पर्व सूर्य की गति के अनुसार होता है।
सूर्य का धनु से निकलकर मकर में आने के कारण इसे Makar Sankranthi कहा जाता है। इस दिन स्नान करने के बाद दान, पुण्य का बहुत ही महत्व होता है। इस दिन से खरमास की समाप्ति हो जाती है, और शुभ कार्य शुरु हो जाते है।
उदया तिथि 15 को होने से अधिकतर लोग 15 तारीख को संक्रान्ति मनायेंगे। उदया तिथि का अर्थ वह तिथि होता है, जिसमें सूर्य का उदय होता है। मकर संक्रान्ति के दिन से ही सूर्य उत्तरायण हो जाते है। मकर संक्रान्ति, सूर्य के गृह परिवर्तन का दिन है।
इस दिन से ही खरमास का अंत होता है। ज्योतिष की दृष्टि से खरमास को अशुभ माना जाता है। खरमास के खत्म होते ही शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते है।
Makar Sankranthi special शुभ मुहूर्त एवं सूर्य उत्तरायण, उदया तिथि
MAKAR SANKRATI |
उदया तिथि सोमवार, 15 जनवरी,
मकर संक्रांति रात 2 बजे से शुरु होगी।
पुण्य काल का शुभ मुहूर्त रात 2 बजे से शुरु होकर सुबह 5 बजकर 41 मिनट
महापुण्य काल रात 2 बजे से लेकर रात 2 बजकर 24 मिनट
इस शुभ मुहूर्त की अवधि 23 मिनट तक रहेगी।
Makar Sankranthi के त्योहार को पोंगल के नाम से भी मनाया जाता है। एवं यह त्यौहार किसानों के लिए बेहद खास होता है, वे इसे बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हैं।
Makar Sankranthi के दिन से ही सभी शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं, एवं तीर्थ स्थानों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। मकर संक्रांति के दिन दान पुण्य का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
खगोल शास्त्रियों के मुताबिक इस दिन से ही दिन और रातों में परिवर्तन हो जाता है, रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य पृथ्वी के नजदीक आने लगता है, जिसके कारण दिन बड़े और रातें छोटी होना प्रारंभ हो जाती है। और इसके साथ ही मौसम में परिवर्तन भी देखने को मिलते हैं।
देश में गंगा, जमुना, यमुना सभी तीर्थ स्थानों पर लोग स्नान करने के लिए जाते हैं, और दानपुण्य जैसे कार्य करते हैं। लेकिन इसके साथ ही यदि इन पवित्र नदियों को स्वच्छ रखा जाए तो यह बेहद ही पुण्य का काम होगा।
इससे हमारे आने वाले जनरेशन के लिए भी यह अच्छा होगा। इसके साथ ही हम स्वच्छ भारत के अभियान को भी पूरा करने में सहयोग प्रदान करेंगे। Makar Sankranthi के दिन लोग रंग बिरंगी पतंगे उड़ाते हैं, और इस त्यौहार की रौनक देखते ही बनती है।
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