Durga Kavach Navratri दुर्गा कवच नवरात्रि
मां हर एक के मन की पुकार को सुनती है, उनके दुखों को दूर करने वाली है, उनकी कठिनाइयों को हरने वाली है। मां की सच्चे दिल से आराधना करें।

maa durga
मां की कृपा को पाने के लिए नवरात्रि में जितना ज्यादा हो सके, मां की आराधना करें। आपके सभी मनोरथ पूर्ण होंगे और आपका जीवन सफल हो जाएगा।
दुर्गा कवच
श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिदम् ।
पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत संकटात् ॥ १॥
अज्ञात्वा कवचं देवि दुर्गामंत्रं च यो जपेत् ।
स नाप्नोति फलं तस्य परं च नरकं व्रजेत् ॥ २॥
उमादेवी शिरः पातु ललाटे शूलधारिणी ।
चक्षुषी खेचरी पातु कर्णौ चत्वरवासिनी ॥ ३॥
सुगंधा नासिके पातु वदनं सर्वधारिणी ।
जिह्वां च चंडिकादेवी ग्रीवां सौभद्रिका तथा ॥ ४॥
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अशोकवासिनी चेतो द्वौ बाहू वज्रधारिणी ।
हृदयं ललितादेवी उदरं सिंहवाहिनी ॥ ५॥
कटिं भगवती देवी द्वावूरू विंध्यवासिनी ।
महाबला च जंघे द्वे पादौ भूतलवासिनी ॥ ६॥
एवं स्थितासि देवि त्वं त्रैलोक्ये रक्षणात्मिका ।
रक्ष मां सर्वगात्रेषु दुर्गे देवि नमोस्तुते ॥ ७॥
॥ इति दुर्गाकवचं संपूर्णम् ॥
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नवरात्रि का त्योहार जीवन को आनंद से भर देता है, ढेर सारी खुशियां लाता है, सपनों को पूरा करने का और मां जगत जननी के सामने अर्जी लगाने का खास अवसर होता हैं। ऐसे में मां को खुश करने का ये अमूल्य अवसर न खोये जो दिल में है मां से मांग ले।

दुर्गा कवच
जिह्वां च चंडिकादेवी ग्रीवां सौभद्रिका तथा ॥ ४॥
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अशोकवासिनी चेतो द्वौ बाहू वज्रधारिणी ।
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