Durga ji ki aarti (मां दुर्गा जी की आरती)
मां जगत जननी सब पर कृपा करने वाली है। हम सभी भक्तजन इस नवरात्रि मां को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थना करें, जिससे वह हमसे खुश हो जाए और हम सभी का कल्याण करें।
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मां को खुश करने के लिए वह सभी कार्य करें, जो हमारे बस में हैं। मां अपने बच्चों का निरंतर ही भला चाहती है, मां अपने बच्चों पर हमेशा दृष्टि रखती है, अपनी कृपा बरसाती है।
जब हम मां की पूजा, आराधना करते हैं। जब हम मां जगत जननी की आरती करते हैं और आरती के बाद वंदना करते हैं। हमारी पूजा तभी सफल होती है।वीडियो देखें क्लिक करें-
पूजा, हवन आदि के बाद हम आरती करें। जब तक आरती ना हो, पूजा पूरी नहीं होती तो आइए जाने।
दुर्गा मां की आरती के बाद हमें वंदना करना बेहद आवश्यक होता है। तभी हमारी पूजा सफल होती है और पूरी होती है।
durga ji ki arti |
दुर्गा मां की आरती
भुजा चार अति शोभित, वर- मुद्रा धारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर -नारी ॥11॥
जय अंबे गौरी………………
कंचन थाल विराजत अगर कपुर बाती। श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योती ॥12॥
जय अंबे गौरी………………
श्री अंबे जी की आरती जो कोई नर गावे। कहत शिवानंद स्वामी,सुख संपत्ति पावे॥13॥
जय अंबे गौरी………………
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