What we learn from religion, and what we are doing in the society? धर्म से हमें क्या सीख मिलती है और हम समाज में रहकर क्या कर रहे हैं?
धर्म हमें नहीं सिखाता है कि हमें एक-दूसरे से लड़ना है जो धर्म के नाम पर लड़ रहे हैं,वह भी इंसान हैं, पर क्या उनमें इंसानियत है,और अगर है, तो फिर उनमें सोच समझने की क्षमता क्यों नहीं है क्या भगवान ने हमसे कहा कि हम मजहब के लिए लड़े, हमारा मजहब हमें सिखाता है कि हम एक दूसरे से लड़ाई करें, बैर रखे। धर्म के नाम पर भेदभाव करे।
हमारा मजहब तो हमें यह सिखाता है कि हमें हमेशा एक दूसरे के साथ चलना चाहिए। एक दूसरे से मिलकर रहना चाहिए और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। हम सभी इंसान हैं मनुष्यों को आतंक का रास्ता छोड़ना होगा और सच्चे और अच्छे व्यक्ति बनना होगा, ताकि वे समाज के लिए कुछ कर सकें और अपने देश को और समाज को उच्च स्तर पर पहुंचाने के लिए प्रयास करने होंगे,ताकि हमारा समाज आगे बढ़ सके और तरक्की कर सके और हमारे समाज में रहने वाले मनुष्य भी एक अच्छे स्तर पर पहुंच सके और आगे बढ़ सकें और अपने आने वाली पीढ़ी को भी इन सभी बातों से अवगत करा सके। यदि आपके पास क्षमता है तो आप बहुत उच्च स्तर तक जा सकते हैं।
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भगवान एक है, मगर मजहब अलग है पर कभी आपने ये सोचा कि मनुष्यता भी हमारा मजहब है। हममें इंसानियत होना बेहद जरूरी है। और मानवता ही सबसे महत्वपूर्ण धर्म है। और अगर हम मानवता होने के सारे फर्ज निभा रहे हैं और दूसरों के लिए हमारे अंदर परोपकार की भावना है। अगर हम दूसरों के लिए समर्पित है और एक दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं, तो उस दिन यह समझ लेना की लड़ाई और आतंक सब खत्म हो जाएगा। और सारी दुनिया में एकता होगी और सब एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहेंगे। कोई भी अपने मजहब के नाम पर किसी से झगड़ा नहीं करेगा।
भगवान एक है, मगर मजहब अलग है पर कभी आपने ये सोचा कि मनुष्यता भी हमारा मजहब है। हममें इंसानियत होना बेहद जरूरी है। और मानवता ही सबसे महत्वपूर्ण धर्म है। और अगर हम मानवता होने के सारे फर्ज निभा रहे हैं और दूसरों के लिए हमारे अंदर परोपकार की भावना है। अगर हम दूसरों के लिए समर्पित है और एक दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं, तो उस दिन यह समझ लेना की लड़ाई और आतंक सब खत्म हो जाएगा। और सारी दुनिया में एकता होगी और सब एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहेंगे। कोई भी अपने मजहब के नाम पर किसी से झगड़ा नहीं करेगा।
unity |
भगवान एक है तो मजहब भी एक ही होना चाहिए। मनुष्य शब्द इस धरती पर सबसे सुंदर है जो मन को समझ सकता है। आपको अपने जीवन में शांति लाना है इसीलिए हममें एकता की भावना होना बेहद जरूरी है। हमें हर धर्म से अच्छी शिक्षा मिलती है और उस शिक्षा के अनुसार ही हमें अपने कर्म करने होंगे। हमारे देश में आतंक को मिटाने के लिए मजहब की एकता का होना बेहद जरुरी है, अगर आप अत्याचार कर रहे हैं, तो उसका उद्देश्य क्या है, और उससे क्या मिल रहा है, आपको यह सब करके क्या सब कुछ मिल जाएगा।
भगवान कभी भी गलत करने वालों के पक्ष में नहीं रहता है वह सदैव अच्छी भावना और सुविचार रखने वालों के साथ रहता है। हम चाहे कितने भी सत्कर्म कर ले लेकिन अगर हमने किसी का बुरा किया है, अगर हम किसी के साथ गलत कर रहे हैं तो परमात्मा हमारा कभी साथ नहीं देगा। वह भी हमसे अलग होगा क्योंकि हम इस बात को अच्छी तरह से जान चुके हैं कि परमात्मा सदैव उस व्यक्ति के साथ रहता है जिसके अंदर परोपकार की भावना रहती है, और जो हमेशा सत्य का साथ देता है, और जो सदैव दूसरों के लिए सद्भावना रखता है।
heart |
इस दुनिया में ही हमें अपने अच्छे बुरे कर्मों का परिणाम देखना पड़ता है। यह कर्म भूमि है अर्थात कर्म का क्षेत्र है । जहां पर मानव जैसे कार्य करता है वैसा ही परिणाम उसे प्राप्त होता है, अगर हम अच्छे काम करेंगे तो उसका परिणाम भी अच्छा होगा और परमात्मा सदैव हमारे साथ अच्छा करेगा, और अगर हमारे कर्म ही खराब है तो परमात्मा कभी हमारा साथ नहीं देगा,और ना ही हमें कभी स्वर्ग प्रदान करेगा, अगर हम अच्छे कार्य करते हैं तो परमात्मा हमें स्वर्ग प्रदान करता है।
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